प्रधानमंत्री आवास योजना 2025 के तहत केंद्र सरकार ने जो नए नियम लागू किए हैं, वे देश के लाखों गरीब और निम्न आय वर्ग के नागरिकों के लिए राहत की सांस लेकर आए हैं। पहले जहां योजना के तहत घर बनाने में कई प्रकार की बाधाएं, देरी और शुल्क जैसी समस्याएं सामने आती थीं, वहीं अब पूरी प्रक्रिया को सरल, तेज और पारदर्शी बना दिया गया है। खासकर ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में रहने वाले वे लोग जिन्हें अब तक इस योजना का लाभ नहीं मिल पाया था, उनके लिए यह बदलाव किसी वरदान से कम नहीं हैं।
छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में योजना की धीमी गति पर लंबे समय से सवाल उठते रहे हैं, लेकिन अब सरकार की नई पहल के चलते वहां भी निर्माण कार्य समय पर पूरे किए जा सकेंगे। प्रधानमंत्री आवास योजना न्यू रूल्स (PM Awas Yojana New Rules) के तहत सरकार का स्पष्ट उद्देश्य है कि हर जरूरतमंद व्यक्ति को बिना लंबी प्रक्रिया और झंझट के जल्द से जल्द अपना पक्का और सुरक्षित घर मिल सके।
बिल्डिंग परमिट अब सिर्फ 3 दिन में
पीएम आवास योजना 2025 में सबसे अहम बदलाव बिल्डिंग परमिट को लेकर किया गया है। पहले जहां नक्शा पास करवाने और निर्माण की मंजूरी लेने में हफ्तों या महीनों लग जाते थे, अब तीन दिन में ही परमिट जारी करना अनिवार्य कर दिया गया है। इससे न सिर्फ प्रक्रिया में पारदर्शिता आएगी, बल्कि निर्माण कार्य समय पर शुरू होकर जल्दी पूरा भी किया जा सकेगा।
नई व्यवस्था के तहत अब लाभार्थी को किसी विभाग या अफसर के चक्कर नहीं काटने होंगे। जितनी जल्दी आवेदन किया जाएगा, उतनी ही जल्दी परमिट भी मिलेगा। इससे योजना की गति में सुधार होगा और लोगों को लंबे इंतजार से छुटकारा मिलेगा।
अब नहीं देना होगा नक्शा पास कराने का कोई शुल्क
PM Awas Yojana New Rules के अनुसार, अब लाभार्थियों को किसी भी तरह का भवन विकास शुल्क, परमिट चार्ज या नक्शा पास फीस नहीं देनी होगी। यह फैसला विशेष रूप से गरीब और निम्न आय वर्ग के लोगों के लिए लिया गया है, जो अब तक पैसों की कमी के चलते योजना का लाभ नहीं ले पाते थे।
यह निर्णय इसलिए भी अहम है क्योंकि इससे लाभार्थियों पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ नहीं पड़ेगा और वे बिना शुल्क के अपना घर बना सकेंगे। ऐसे लोग जो सालों से किराए पर रह रहे थे, उनके लिए अब अपना घर एक सच्चाई बन सकेगा।
क्षेत्रीय दिशा-निर्देश भी हुए स्पष्ट, अवैध निर्माण पर लगाम
प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत अब क्षेत्रीय स्तर पर निर्माण के दिशा-निर्देश तय कर दिए गए हैं। उदाहरण के लिए, 500 वर्ग फीट के प्लॉट पर निर्माण की अनुमति लेने वाले लाभार्थियों को 75 प्रतिशत भूमि खाली छोड़नी होगी।
इसका मकसद यह सुनिश्चित करना है कि मकानों के बीच पर्याप्त जगह हो, और शहरी क्षेत्रों में अंधाधुंध घनत्व न बढ़े। वहीं जिनके पास 800 वर्ग फीट या अधिक क्षेत्रफल है, उन्हें पुराने नियमों के तहत ही छूट मिलती रहेगी।
टैक्स बकाया होने पर भी नहीं रुकेगा घर निर्माण
पहले की व्यवस्था में अगर किसी व्यक्ति पर प्रॉपर्टी टैक्स या अन्य किसी तरह का शुल्क बकाया होता था, तो उसे परमिट नहीं मिलता था। लेकिन अब पीएम आवास योजना न्यू रूल्स के तहत यह बाधा समाप्त कर दी गई है।
अब अगर व्यक्ति पात्र है, तो टैक्स बकाया होने के बावजूद उसे घर निर्माण की मंजूरी मिल जाएगी। टैक्स की वसूली बाद में की जाएगी, जिससे योजना के तहत अधिक से अधिक लोगों को समय पर लाभ मिल सकेगा।
पीएम आवास योजना आवेदन प्रक्रिया
पीएम आवास योजना के नए नियमों में आवेदन प्रक्रिया को भी सरल और सुगम बना दिया गया है। अब वार्ड स्तर पर शिविर लगाकर फॉर्म जमा किए जाएंगे, जिससे ग्रामीण और तकनीकी रूप से पिछड़े इलाकों में रहने वाले लोग भी आवेदन कर सकेंगे।
साथ ही डिजिटल इंडिया की दिशा में कदम रखते हुए ऑनलाइन आवेदन की सुविधा भी जल्द शुरू की जा रही है। इससे लाभार्थी घर बैठे ही जरूरी दस्तावेजों के साथ आवेदन कर सकेंगे और आवेदन के तीन दिन के भीतर परमिट मिलने की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी।
शहरों के लिए भी विशेष नियम
PM Awas Yojana Urban 2.0 के तहत शहरी क्षेत्रों में घर निर्माण को लेकर भी बड़े बदलाव किए गए हैं। भूमि की उपलब्धता को ध्यान में रखते हुए यह तय किया गया है कि अब किसी सार्वजनिक उपयोग की भूमि या जल स्रोत के पास निर्माण की अनुमति नहीं दी जाएगी।